सबसे शांत स्त्रियाँ
अगले जन्म में
बिल्लियाँ होंगी
वे दबे पाँव आकर
टुकुर-टुकुर देखेंगी
तुम्हारा उधड़ा जीवन
एक नर्म धमक के साथ
कूद जाएँगी वे तुम्हारी नींद में
ख़लल बनकर
जब तुम उठकर लपकोगे
तुम्हारी दुत्कार से पहले ही
वे हो जाएँगी ओझल
सबसे शांत स्त्रियाँ
चतुराई से बचा लेंगी थोड़ा-सा वक़्त
थोड़ी-सी उत्सुकता
तुम्हारी नज़र बचाकर
वे सीख लेंगी अटारी चढ़ना
और दीवारें फाँदना
इन संकोची स्त्रियों की
ताक में रहेंगी
बिल्लियाँ भी आजन्म
अगले जन्म में
ये सारी उद्दंड स्त्रियाँ
दबोच लेंगी तुम्हारी एकछत्र भीरुता
सच! सबसे शांत स्त्रियाँ
अगले जन्म में
बिल्लियाँ होंगी—दुस्साहसी!
सच!
सबसे शांत बिल्लियाँ
अब भी हैं स्त्रीवादी!
संबंधित पोस्ट:

समृद्धि मनचंदा
समृद्धि मनचंदा दिल्ली से हैं और पेशे से अध्यापिका हैं. आपकी रचनाएँ समय-समय पर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं. आपसे samridhi.manchanda@gmail.comपे बात की जा सकती है.