यह विषय मेरे लिए नया है। कोई सोच नहीं सकता कि वह किस तर्ज से लिखता है। आधुनिक काव्य की जो रचना-प्रक्रिया है उस पर निर्णय लेना पाठकों का कार्य है। आधुनिक
नवगीत विधा के वरिष्ठ कवि माहेश्वर तिवारी से मेरा बादरायण संबंध है। इस संबंध के बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। यह संस्कृत के विद्वत् समाज का एक प्रचलित शब्द है,
Moreतार सप्तक की भूमिका प्रस्तुत करते समय इन पंक्तियों के लेखक में जो उत्साह था, उस में संवेदना की तीव्रता के साथ निःसन्देह अनुभवहीनता का साहस भी रहा होगा। संवेदना की तीव्रता
Moreयह विषय मेरे लिए नया है। कोई सोच नहीं सकता कि वह किस तर्ज से लिखता है। आधुनिक काव्य की जो रचना-प्रक्रिया है उस पर निर्णय लेना पाठकों का कार्य है। आधुनिक
Moreहमारे साहित्यिकों की भारी विशेषता यह है कि जिसे देखो वहीं गम्भीर बना है, गम्भीर तत्ववाद पर बहस कर रहा है और जो कुछ भी वह लिखता है, उसके विषय में निश्चित
Moreहम जानते हैं कि जब समाज अपनी प्रारंभिक अवस्था में था तो परिवार की शुरुआती अवधारणाएँ और परिणतियाँ अपने मूल व्यवहार में तमाम आडंबरों से रहित थीं। उनमें खुलापन, आजादी और यायावरी
Moreशहरज़ाद के नाम मेरी कहानी इन दिनों मुश्किल में है। जब लिखने बैठता हूँ तो अदबदाकर कोई वारदात गुजर जाती है। खबर मिलती है कि फुलाँ मस्जिद पर दहशतगर्दों ने हल्ला बोल
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