ईश्वर अगर फूल और वृक्ष है

 (रानीखेत; जुलाई, 1975) कहते हैं, आदमी को पूरी निर्ममता से अपने अतीत में किये कार्यों की चीर-फाड़ करनी चाहिए, ताकि वह इतना साहस जुटा सके कि हर दिन थोड़ा-सा जी सके। लेकिन

More

ठगे जाने में संतोष

मुझे अपनी कविताओं से भय होता है, जैसे मुझे घर जाते हुए भय होता है। * अच्छे आदमी बनो – रोज मैं सोचता हूँ। क्या सोच कर अच्छा आदमी हुआ जा सकता

More

क्वीन विक्टोरिया की प्रशंसा में लिखा गया क़सीदा

वह रानी, कि चन्द्रमा जिसका मुकुट है, आकाश जिसका आसन है, जो जमशेद जैसी प्रतापी है, फरीदून जैसी तेजस्वी और काऊस जैसा स्थान रखने वाली है, उसके पास संजर जैसा दबदबा है

More

मलाला की डायरी

बारह-तेरह साल की ही एन फ्रैंक थी। दूसरे महायुद्ध के दौरान फासीवादी हिटलर की सेना से छिपने-छिपाने के दौरान वह एक डायरी लिख रही थी। आखिर में यह बच्ची पकड़ी गई। हिटलर

More

जिंदा जुनूनों का कोलाज़

यों तो मेरे लेखन की शुरुआत ही डायरी लेखन से हुई। पर इधर लगभग तीन साल से दिन के चौबीस घंटे मेरा अनवरत डायरी लेखन या कहें, अपने से संवाद चलता रहता है

More

डायरी के पृष्ठ

नई डायरी का नया पृष्ठ स्वप्‍न कभी-कभी स्‍फूर्तिदायक होते हैं। पिछले एक वर्ष से डायरी लिखने का शौक लगा। समय-समय पर कागज पर अंकित, एकांत क्षणों में मेरे अच्‍छे और बुरे विचार

More

मैं वह धनु हूँ

मैं स्वल्प-सन्तोषी हूँ। पतझर के झरते पत्ते से अधिक सुन्दर किसी चीज़ की कल्पना नहीं कर पा रहा हूँ। यह धीरे-धीरे, लय के साथ डोलते हुए झरना-मानो धरती के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त

More