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फूल झरे

फूल झरे जोगिन के द्वार हरी-हरी अँजुरी में भर-भर के

तुम्हें ढोना है समय का भार

तुम्हें ढोना है समय का भार, थोड़ी सी चाल तेज

पाप

पाप करना पाप नहीं पाप की बात करना पाप है

तुमने छोड़ा शहर

तुम ने छोड़ा शहर धूप दुबली हुई पीलिया हो गया

मेरे रब की मुझ पर इनायत हुई

मेरे रब की मुझ पर इनायत हुई कहूँ भी तो

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