मैं कैलाश चंद तिवारी

इस वक्त ऋषिकेश से देहरादून जाती सड़क पर हूँ। आस पास जंगल ही जंगल है। और साथ ही तेज हवा और बारिश भी। शहरों में ऐसा देखने को कभी-कभी क्या कभी नहीं

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पतंगवाला

गली रामनाथ में एक ही पेड़ था। वह बरगद का पेड़ पुरानी मसजिद की टूटी दीवार के बीच से निकला हुआ था। अली की पतंग उसकी टहनियों में फंस गई थी। फटी

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छब्बीस आदमी और एक लड़की

हम छब्बीस थे छब्बीस जीती-जागती मशीनें; गीले तहखानों में बंद, जहां हम क्रेंडल और सुशका बनाने के लिए आटा गूंधते थे. हमारे तहखाने की खिड़की नमी के कारण हरे और कीचड़ भरी

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सौत

जब रजिया के दो-तीन बच्चे होकर मर गए और उम्र ढल चली, तो रामू का प्रेम उससे कुछ कम होने लगा और दूसरे ब्याह की धुन सवार हुई. आए दिन रजिया से

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कर्मनाशा की हार

काले सांप का काटा आदमी बच सकता है, हलाहल ज़हर पीने वाले की मौत रुक सकती है, किंतु जिस पौधे को एक बार कर्मनाशा का पानी छू ले, वह फिर हरा नहीं

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आकाशदीप

1 “बंदी!” “क्या है? सोने दो।” “मुक्त होना चाहते हो?” “अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।” “फिर अवसर न मिलेगा।” “बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से

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चालीस के बाद प्रेम

श्‍यामलाल एक क्षण ठिठके, फिर नाले में उतर पड़े। नाले में कीचड़ नहीं था; उसमें सूखी पत्तियाँ, अद्धे, गुम्‍मे, चीथड़े और एक खास तरह की धूल थी जो मोहल्‍ले के लोगों ने

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आदर्श करोड़पति

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व्यर्थ है आपका आकर्षक होना अगर आप अमीर नहीं हैं तो। रोमांस धनी लोगों का विशेषाधिकार है, न कि बेरोज़गारों का व्यवसाय । ग़रीबों को व्यावहारिक एवं सामान्य (नीरस) होना चाहिए। आपके

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ग्यारह वर्ष का समय

दिन-भर बैठे-बैठे मेरे सिर में पीड़ा उत्पन्न हुई : मैं अपने स्थान से उठा और अपने एक नए एकांतवासी मित्र के यहाँ मैंने जाना विचारा। जाकर मैंने देखा तो वे ध्यान-मग्न सिर

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सयानी बुआ

सब पर मानो बुआजी का व्यक्तित्व हावी है। सारा काम वहाँ इतनी व्यवस्था से होता जैसे सब मशीनें हों, जो कायदे में बँधीं, बिना रुकावट अपना काम किए चली जा रही हैं।

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