एक तुम्हारा होना
क्या से क्या कर देता है,
बेज़ुबान छत दीवारों को
घर कर देता है।
ख़ाली शब्दों में आता है
ऐसे अर्थ पिरोना
गीत बन गया-सा लगता है
घर का कोना-कोना
एक तुम्हारा होना
सपनों को स्वर देता है।
आरोहों-अवरोहों से
समझाने लगती हैं
तुमसे जुड़ कर चीज़ें भी
बतियाने लगती हैं
एक तुम्हारा होना
अपनापन भर देता है।
![](https://www.ummeedein.com/wp-content/uploads/2020/08/98509F9F-BFD4-4810-B69F-75987F6655E0-150x150.jpeg)
माहेश्वर तिवारी
माहेश्वर तिवारी (जन्म – 22 जुलाई 1939) हिंदी के प्रसिद्ध गीतकार हैं. आपकी रचनायें सभी प्रमुख राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं तथा कई समवेत संग्रहों में प्रकाशित हैं.