नदी बोली समन्दर से, मैं तेरे पास आई हूँ मुझे भी गा मेरे शायर, मैं तेरी ही रुबाई हूँ मुझे ऊँचाइयों का वह अकेलापन नहीं भाया लहर होते हुये भी तो मेरा
यह पहली दफ़ा नहीं है कि जब किसी ‘सलमान‘ ने मुझे मायूस किया है। सऊदी के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने दुनियाभर में, अपनी सल्तनत चलाने के लिए ग़ैरक़ानूनी तरीकों को न
Moreतुम्हें ढोना है समय का भार, थोड़ी सी चाल तेज करो थोड़ी और तेज, और तेज यार, थोड़ी सी चाल तेज करो हाथ जो मिला था इन्कलाब के लिये, कुर्सी के लिए
Moreहम सब एक सीधी ट्रेन पकड़ कर अपने अपने घर पहुँचना चाहते हम सब ट्रेनें बदलने की झंझटों से बचना चाहते हम सब चाहते एक चरम यात्रा और एक परम धाम हम
Moreकोई पास आया सवेरे सवेरे मुझे आज़माया सवेरे सवेरे मेरी दास्ताँ को ज़रा सा बदल कर मुझे ही सुनाया सवेरे सवेरे जो कहता था कल शब सँभलना सँभलना वही लड़खड़ाया सवेरे सवेरे
Moreवो आएगी हर ओर से और तुम रोक न सकोगे उसका आना तय था इतिहास में कुलबुलाहट थी तुमने हर ग्रंथ में ख़ुद तय किया था कि वो उतरेगी सड़कों पर तुम्हारे
Moreइतने प्राण, इतने हाथ, इतनी बुद्धि इतना ज्ञान, संस्कृति और अंतःशुद्धि इतना दिव्य, इतना भव्य, इतनी शक्ति यह सौंदर्य, वह वैचित्र्य, ईश्वर-भक्ति इतना काव्य, इतने शब्द, इतने छंद जितना ढोंग, जितना भोग
Moreएक है अपना जहाँ, एक है अपना वतन अपने सभी सुख एक हैं, अपने सभी ग़म एक हैं आवाज़ दो हम एक हैं … ये वक़्त खोने का नहीं, ये वक़्त सोने
Moreप्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियां
Moreअपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है इक नज़र मेरी तरफ़ भी तिरा जाता क्या है मेरी रुस्वाई में वो भी हैं बराबर के शरीक मेरे क़िस्से मिरे यारों को सुनाता
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