उसने अपने प्रेम के लिए जगह बनाई
बुहार कर अलग कर दिया तारों को
सूर्य-चन्द्रमा को रख दिया एक तरफ
वनलताओं को हटाया
उसने पृथ्वी को झाड़ा-पोंछा
और आकाश की तहें ठीक की
उसने अपने प्रेम के लिए जगह बनाई

अशोक वाजपेयी
अशोक वाजपेयी (जन्म - 1941) समकालीन हिंदी साहित्य के एक प्रमुख साहित्यकार हैं। वाजपेयी जी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक पूर्वाधिकारी हैं, परंतु एक कवि के रूप में आपकी प्रसिद्धि अधिक है। 'कहीं नहीं वहीं' काव्य संग्रह के लिए सन् 1994 में आपको भारत सरकार द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया। वाजपेयी महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति भी रह चुके हैं। वर्तमान में आप ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं। भोपाल में भारत भवन की स्थापना में भी आपने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।