जाल फेंक रे मछेरे

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एक बार और जाल फेंक रे मछेरे
जाने किस मछली में बंधन की चाह हो!

सपनों की ओस गूँथती कुश की नोक है
हर दर्पण में उभरा एक दिवालोक है
रेत के घरौंदों में सीप के बसेरे
इस अँधेर में कैसे नेह का निबाह हो।

उनका मन आज हो गया पुरइन पात है
भिगो नहीं पाती यह पूरी बरसात है
चंदा के इर्द-गिर्द मेघों के घेरे
ऐसे में क्यों न कोई मौसमी गुनाह हो।

गूँजती गुफाओं में पिछली सौगंध है
हर चारे में कोई चुंबकीय गंध है
कैसे दे हंस झील के अनंत फेरे
पग-पग पर लहरें जब बाँध रही छाँह हो।

कुंकुम-सी निखरी कुछ भोरहरी लाज है
बंसी की डोर बहुत काँप रही आज है
यों ही ना तोड़ अभी बीन रे सँपेरे
जाने किस नागिन में प्रीत का उछाह हो!

 

बुद्धिनाथ मिश्र

बुद्धिनाथ मिश्र, जन्म– मई,1949 को मिथिलांचल में समस्तीपुर (बिहार) के देवधा गाँव में मैथिल ब्राह्मण परिवार में जन्म। शिक्षा– गाँव के मिडिल स्कूल और रेवतीपुर (गाज़ीपुर) की संस्कृत पाठशाला में प्रारम्भिक शिक्षा, वाराणसी के डीएवी कालेज और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के आर्ट्स कालेज में उच्च शिक्षा। एम.ए. (अंग्रेज़ी), एम.ए. (हिन्दी), ‘यथार्थवाद और हिन्दी नवगीत’ प्रबंध पर पी.एच.डी. की उपाधि। 1966 से हिन्दी और मातृभाषा मैथिली के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में निबंध, कहानी, गीत, रिपोर्ताज़ आदि का नियमित प्रकाशन। ‘प्रभात वार्ता’ दैनिक में ‘साप्ताहिक कोना’, ‘सद्भावना दर्पण’ में ‘पुरैन पात’ और ‘सृजनगाथाडॉटकॉम’ पर ‘जाग मछन्दर गोरख आया’ स्तम्भ लेखन। देश के शीर्षस्थ नवगीतकार और राजभाषा विशेषज्ञ। मधुर स्वर, खनकते शब्द, सुरीले बिम्बात्मक गीत, ऋजु व्यक्तित्व। राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय काव्यमंचों के अग्रगण्य गीत-कवि। 1969 से आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी केन्द्रों पर काव्यपाठ, वार्ता, संगीत रूपकों का प्रसारण। बीबीसी, रेडियो मास्को आदि से भी काव्यपाठ, भेंटवार्ता प्रसारित। दूरदर्शन के राष्ट्रीय धारावाहिक ‘क्यों और कैसे?’ का पटकथा लेखन। वीनस कम्पनी से ‘काव्यमाला’ और ‘जाल फेंक रे मछेरे’ कैसेट, मैथिली संस्कार गीतों के दो ई.पी. रिकार्ड और संगीतबद्ध गीतों का कैसेट ‘अनन्या’। डीवीडी ‘राग लाया हूँ’ निर्माणाधीन। सम्मान– अन्तरराष्ट्रीय पूश्किन सम्मान, दुष्यन्त कुमार अलंकरण, परिवार सम्मान, निराला, दिनकर और बच्चन सम्मान। ‘कविरत्न’ और ‘साहित्य सारस्वत’ उपाधि।

बुद्धिनाथ मिश्र, जन्म– मई,1949 को मिथिलांचल में समस्तीपुर (बिहार) के देवधा गाँव में मैथिल ब्राह्मण परिवार में जन्म। शिक्षा– गाँव के मिडिल स्कूल और रेवतीपुर (गाज़ीपुर) की संस्कृत पाठशाला में प्रारम्भिक शिक्षा, वाराणसी के डीएवी कालेज और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के आर्ट्स कालेज में उच्च शिक्षा। एम.ए. (अंग्रेज़ी), एम.ए. (हिन्दी), ‘यथार्थवाद और हिन्दी नवगीत’ प्रबंध पर पी.एच.डी. की उपाधि। 1966 से हिन्दी और मातृभाषा मैथिली के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में निबंध, कहानी, गीत, रिपोर्ताज़ आदि का नियमित प्रकाशन। ‘प्रभात वार्ता’ दैनिक में ‘साप्ताहिक कोना’, ‘सद्भावना दर्पण’ में ‘पुरैन पात’ और ‘सृजनगाथाडॉटकॉम’ पर ‘जाग मछन्दर गोरख आया’ स्तम्भ लेखन। देश के शीर्षस्थ नवगीतकार और राजभाषा विशेषज्ञ। मधुर स्वर, खनकते शब्द, सुरीले बिम्बात्मक गीत, ऋजु व्यक्तित्व। राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय काव्यमंचों के अग्रगण्य गीत-कवि। 1969 से आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी केन्द्रों पर काव्यपाठ, वार्ता, संगीत रूपकों का प्रसारण। बीबीसी, रेडियो मास्को आदि से भी काव्यपाठ, भेंटवार्ता प्रसारित। दूरदर्शन के राष्ट्रीय धारावाहिक ‘क्यों और कैसे?’ का पटकथा लेखन। वीनस कम्पनी से ‘काव्यमाला’ और ‘जाल फेंक रे मछेरे’ कैसेट, मैथिली संस्कार गीतों के दो ई.पी. रिकार्ड और संगीतबद्ध गीतों का कैसेट ‘अनन्या’। डीवीडी ‘राग लाया हूँ’ निर्माणाधीन। सम्मान– अन्तरराष्ट्रीय पूश्किन सम्मान, दुष्यन्त कुमार अलंकरण, परिवार सम्मान, निराला, दिनकर और बच्चन सम्मान। ‘कविरत्न’ और ‘साहित्य सारस्वत’ उपाधि।

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