मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ

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मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ

मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ
वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ

एक जंगल है तेरी आँखों में
मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ

तू किसी रेल-सी गुज़रती है
मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ

हर तरफ़ ऐतराज़ होता है
मैं अगर रौशनी में आता हूँ

एक बाज़ू उखड़ गया जबसे
और ज़्यादा वज़न उठाता हूँ

मैं तुझे भूलने की कोशिश में
आज कितने क़रीब पाता हूँ

कौन ये फ़ासला निभाएगा
मैं फ़रिश्ता हूँ सच बताता हूँ

दुष्यंत कुमार
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दुष्यंत कुमार त्यागी (27 सितंबर 1931 - 30 दिसंबर 1975) हिन्दी कवि , कथाकार और ग़ज़लकार थे। दुष्यंत को हिंदी ग़ज़ल का सशक्त हस्ताक्षर माना जाता है।

दुष्यंत कुमार त्यागी (27 सितंबर 1931 - 30 दिसंबर 1975) हिन्दी कवि , कथाकार और ग़ज़लकार थे। दुष्यंत को हिंदी ग़ज़ल का सशक्त हस्ताक्षर माना जाता है।

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