आपकी याद आती रही रात भर

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ग़ज़ल : आपकी याद आती रही रात भर

आप की याद आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर

रात भर दर्द की शम्अ जलती रही
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर

बाँसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रात भर

याद के चाँद दिल में उतरते रहे
चाँदनी जगमगाती रही रात भर

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर

मख़दूम मुहिउद्दिन
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मख़दूम मोहिउद्दिन एक उर्दू कवि और मार्क्सवादी राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने अपने जीवन काल में हैदराबाद में प्रोग्रेसिव राइटर्स यूनियन की स्थापना की और कॉमरेड एसोसिएशन और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के साथ सक्रिय रहे।

मख़दूम मोहिउद्दिन एक उर्दू कवि और मार्क्सवादी राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने अपने जीवन काल में हैदराबाद में प्रोग्रेसिव राइटर्स यूनियन की स्थापना की और कॉमरेड एसोसिएशन और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के साथ सक्रिय रहे।

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