कविता : उम्मीद | एमिली डिकिंसन

उम्मीद पंखों वाली वो शय है,
जो आत्मा में बसती है,
बिना किसी शब्द के गीत गाती है
और कभी नहीं रूकती

और सबसे मधुर है
इसे आंधियों में सुनना
जहाँ दुखदाई तूफान हो

जो नन्ही चिड़िया को भगा सकती है
जो बहुतों को जला सकती है
मैंने इसे सबसे सर्द ज़मीन
और सबसे वीरान समुद्र में सुना है
फिर भी, अब तक ,
इसने मुझसे कभी मेरा हिस्सा नही माँगा

[ अनुवाद – सत्यम सोलंकी ] 

एमिली डिकिंसन
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एमिली डिकिंसन (१८३०-१८८६) सुप्रसिद्ध अमेरिकी कवयित्री हैं। एमिली डिकिंसन का जन्म मेसाचुसेट्स के एमहर्स्ट नामक स्थान में हुआ। उनके पिता वकील और एहमर्स्ट कॉलेज के कोषाध्यक्ष थे। एमिली को एकांत प्रिय थी, इसलिए उनकी शिक्षा, सभी सुविधाएँ होते हुए भी, अधिक व्यापक न हो सकी। वह घर छोड़कर कहीं भी जाना पसंद नहीं करती थीं। उनके जीवनकाल में उनकी तीन चार कविताएँ ही प्रकाशित हुई। साहित्यिकों से उनका परिचय बहुत ही कम था। उनका जीवन मानो शून्य में बीता था। उनकी मृत्यु के बाद उनकी कविताओं की पांडुलिपियाँ उनकी बहन को मिलीं। दुर्भाग्यवश कुछ रचनाएँ उन्होंने नष्ट भी कर दीं। शेष १८९० में प्रकाशित हुईं और तत्काल ही उनकी प्रसिद्धि फैल गई।

एमिली डिकिंसन (१८३०-१८८६) सुप्रसिद्ध अमेरिकी कवयित्री हैं। एमिली डिकिंसन का जन्म मेसाचुसेट्स के एमहर्स्ट नामक स्थान में हुआ। उनके पिता वकील और एहमर्स्ट कॉलेज के कोषाध्यक्ष थे। एमिली को एकांत प्रिय थी, इसलिए उनकी शिक्षा, सभी सुविधाएँ होते हुए भी, अधिक व्यापक न हो सकी। वह घर छोड़कर कहीं भी जाना पसंद नहीं करती थीं। उनके जीवनकाल में उनकी तीन चार कविताएँ ही प्रकाशित हुई। साहित्यिकों से उनका परिचय बहुत ही कम था। उनका जीवन मानो शून्य में बीता था। उनकी मृत्यु के बाद उनकी कविताओं की पांडुलिपियाँ उनकी बहन को मिलीं। दुर्भाग्यवश कुछ रचनाएँ उन्होंने नष्ट भी कर दीं। शेष १८९० में प्रकाशित हुईं और तत्काल ही उनकी प्रसिद्धि फैल गई।

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