तुम सरवत को पढ़ती हो

1 min read
तुम सरवत को पढ़ती हो : ग़ज़ल

तुम सरवत को पढ़ती हो
कितनी अच्छी लड़की हो

बात नहीं सुनती हो क्यूँ
ग़ज़लें भी तो सुनती हो

क्या रिश्ता है शामों से
सूरज की क्या लगती हो

लोग नहीं डरते रब से
तुम लोगों से डरती हो

मैं तो जीता हूँ तुम में
तुम क्यूँ मुझ पे मरती हो

आदम और सुधर जाए
तुम भी हद ही करती हो

किस ने जींस करी ममनूअ
पहनो अच्छी लगती हो

अली ज़रयून
+ posts

अली ज़रयून फ़ैसलाबद, पाकिस्तान से हैं और नौजवान पीढ़ी के शायरों में ख़ासे लोकप्रिय हैं।

अली ज़रयून फ़ैसलाबद, पाकिस्तान से हैं और नौजवान पीढ़ी के शायरों में ख़ासे लोकप्रिय हैं।

नवीनतम

फूल झरे

फूल झरे जोगिन के द्वार हरी-हरी अँजुरी में भर-भर के प्रीत नई रात करे चाँद की

पाप

पाप करना पाप नहीं पाप की बात करना पाप है पाप करने वाले नहीं डरते पाप

तुमने छोड़ा शहर

तुम ने छोड़ा शहर धूप दुबली हुई पीलिया हो गया है अमलतास को बीच में जो

कोरोना काल में

समझदार हैं बच्चे जिन्हें नहीं आता पढ़ना क, ख, ग हम सब पढ़कर कितने बेवकूफ़ बन

भूख से आलोचना

एक मित्र ने कहा, ‘आलोचना कभी भूखे पेट मत करना। आलोचना पेट से नहीं दिमाग से