नुमाइश के लिए गुलकारियाँ दोनों तरफ़ से हैं लड़ाई की मगर तैयारियाँ दोनों तरफ़ से हैं मुलाक़ातों पे हँसते, बोलते हैं, मुस्कराते हैं तबीयत में मगर बेज़ारियाँ दोनों तरफ़ से हैं खुले
Moreसईउ नी मेरे गल लग रोवो नी मेरी उमरा बीती जाए उमरा दा रंग कच्चा पीला निस दिन फिट्टदा जाए सईउ नी मेरे गल लग्ग रोवो नी मेरी उमर बीती जाए ।
Moreशास्त्रीय प्रेमियों की तरह मनोयोगपूर्वक दबा नहीं सकता वह मेरा सर, गूँथ नहीं सकता मेरी चोटी, मटके में पानी भी भरवा नहीं सकता, हाँ, मल नहीं सकता भेंगरिया के पत्ते मेरी बिवाइयों
Moreहम जिएँ न जिएँ दोस्त तुम जियो एक नौजवान की तरह, खेत में झूम रहे धान की तरह, मौत को मार रहे बान की तरह। हम जिएँ न जिएँ दोस्त तुम जियो
Moreरात सुनसान है तारीक़ है दिल का आंगन आसमां पर कोई तारा न जमीं पर जुगनू टिमटिमाते हैं मेरी तरसी हुई आँखों में कुछ दीये तुम जिन्हें देखोगे तो कहोगे : आंसू
Moreअंत्यज कोरी पासी हैं हम क्यूँ कर भारतवासी हैं हम अपने को क्यों वेद में खोजें क्या दर्पण विश्वासी हैं हम छाया भी छूना गर्हित है ऐसे सत्यानाशी हैं हम धर्म के
Moreमूरख है कालीघाट का पंडित सोचता है मंत्रोचार से और लाल पुष्पों से ढक लेगा पाप नहीं फलेगा कुल गोत्र के बहाने कृशकाय देह का दुःख मूरख है ममता बंदोपाध्याय का रसोइया
Moreएक व्यक्ति के क़त्ल के बाद माँ रोती है पूरा अस्तित्व रोता है साथ में आदम और हव्वा रोते हैं अपने नस्लों के हश्र पर इन सबमें शामिल हैं ईश्वर के आंसू
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