मेरे दुख की कोई दवा न करो

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मेरे दुख की कोई दवा न करो
मुझ को मुझ से अभी जुदा न करो

नाख़ुदा को ख़ुदा कहा है तो फिर
डूब जाओ, ख़ुदा ख़ुदा न करो

ये सिखाया है दोस्ती ने हमें
दोस्त बनकर कभी वफ़ा न करो

इश्क़ है इश्क़, ये मज़ाक नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो

आशिक़ी हो या बंदगी ‘फ़ाकिर’
बे-दिली से तो इब्तिदा न करो

सुदर्शन फ़ाक़िर
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सुदर्शन फ़ाक़िर (१९३४ - १९ फरवरी २००८), जिन्हें उनके तखल्लुस फ़ाक़िर के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय कवि और गीतकार थे। उनकी ग़ज़लें और नज़्म बेगम अख्तर और जगजीत सिंह ने गायी थीं।

सुदर्शन फ़ाक़िर (१९३४ - १९ फरवरी २००८), जिन्हें उनके तखल्लुस फ़ाक़िर के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय कवि और गीतकार थे। उनकी ग़ज़लें और नज़्म बेगम अख्तर और जगजीत सिंह ने गायी थीं।

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