काली मिट्टी काले घर
दिनभर बैठे-ठाले घर
काली नदिया काला धन
सूख रहे हैं सारे बन
काला सूरज काले हाथ
झुके हुए हैं सारे माथ
काली बहसें काला न्याय
खाली मेज पी रही चाय
काले अक्षर काली रात
कौन करे अब किससे बात
काली जनता काला क्रोध
काला-काला है युगबोध

केदारनाथ सिंह
केदारनाथ सिंह (1934 – 2018) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें वर्ष 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक थे। केदारनाथ सिंह की प्रमुख काव्य कृतियां ‘जमीन पक रही है', ‘यहां से देखो’, ‘उत्तर कबीर’, ‘टालस्टॉय और साइकिल’ और ‘बाघ’ हैं। उनकी प्रमुख गद्य कृतियां ‘कल्पना और छायावाद’, ‘आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान’ और ‘मेरे समय के शब्द’ हैं।