अश्वमेधी घोड़ा

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hindi poem ashwamedhi ghoda by kamal jeet chaudhary

तुम्हे पेड़ से हवा नहीं
लकड़ी चाहिए
नदी से पानी नहीं
रेत चाहिए
धरती से अन्न नहीं
महँगा पत्थर चाहिए

पक्षी मछली और साँप को भूनकर
घोंसले, सीपी और बांबी पर
तुम अत्याधुनिक घर बना रहे हो
पेड़, नदी और पत्थर से
तुमने युद्ध छेड़ दिया है
पाताल धरती और अम्बर से

तुम्हारा यह अश्वमेधी घोड़ा पानी कहाँ पिएगा।

कमल जीत चौधरी
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कमल जीत चौधरी जम्मू कश्मीर से हैं। आपकी रचनाएँ समय समय पे देश के प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपका पहला काव्य संग्रह ‘हिंदी का नमक’ इन दिनों अपने पाठकों के बीच है।

कमल जीत चौधरी जम्मू कश्मीर से हैं। आपकी रचनाएँ समय समय पे देश के प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपका पहला काव्य संग्रह ‘हिंदी का नमक’ इन दिनों अपने पाठकों के बीच है।

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