चाँद ने कहा है

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चाँद ने कहा है, एक बार फिर चकोर से,
इस जनम में भी जलोगे तुम ही मेरी ओर से…

हर जनम का अपना चाँद है, चकोर है अलग,
हर जनम के आँसुओं की अपनी कोर है अलग
यूँ जनम-जनम का एक ही मछेरा है मगर,
हर जनम की मछलियाँ अलग हैं डोर है अलग,
डोर ने कहा है मछलियों की पोर-पोर से,
इस जनम में भी बिंधोगी तुम ही मेरी ओर से,
चाँद ने कहा है, एक बार फिर चकोर से…

है अनंत सर्ग और यह कथा विचित्र है,
पंक में जनम लिया पर कमल पवित्र है,
यूँ जनम-जनम का एक ही वो चित्रकार है,
हर जनम की तूलिका अलग, अलग ही चित्र है,
ये कहा है तूलिका ने, चित्र के चरित्र से,
इस जनम में भी सजोगे तुम ही मेरी कोर से,
चाँद ने कहा है, एक बार फिर चकोर से…

हर जनम के फूल हैं अलग, हैं तितलियाँ अलग,
हर जनम की शोखियाँ अलग, हैं सुर्खियाँ अलग,
ध्वँस और सृजन का एक राग है अमर, मगर
हर जनम का आशियाँ अलग, है बिजलियाँ अलग,
नीड़ से कहा है बिजलियों ने जोर-शोर से,
इस जनम में भी मिटोगे तुम ही मेरी ओर से,
चाँद ने कहा है, एक बार फिर चकोर से…

कुमार विश्वास
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कुमार विश्वास (जन्म: १० फरवरी १९७०) एक भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। वे आम आदमी पार्टी के नेता रह चुके हैं। वे युवाओं में अत्यन्त प्रिय कवि हैं। हिंदी को भारत से विश्व तक पुनः स्थापित करने वाले कुमार विश्वास के कविता के मंचन, वाचन, गायन के साथ साथ वकतृत्व प्रतिभा के भी धनी हैं। मंच संचालन, गायन, काव्य वाचन, पाठन, लेखन आदि सब विधाओं में निपुण कुमार विश्वास हिंदी के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।

कुमार विश्वास (जन्म: १० फरवरी १९७०) एक भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। वे आम आदमी पार्टी के नेता रह चुके हैं। वे युवाओं में अत्यन्त प्रिय कवि हैं। हिंदी को भारत से विश्व तक पुनः स्थापित करने वाले कुमार विश्वास के कविता के मंचन, वाचन, गायन के साथ साथ वकतृत्व प्रतिभा के भी धनी हैं। मंच संचालन, गायन, काव्य वाचन, पाठन, लेखन आदि सब विधाओं में निपुण कुमार विश्वास हिंदी के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।

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