कविता क्या है

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कविता क्या है
हाथ की तरफ़
उठा हुआ हाथ
देह की तरफ़ झुकी हुई आत्मा
मृत्यु की तरफ़
घूरती हुई आँखें
क्या है कविता
कोई हमला
हमले के बाद पैरों को खोजते
लहूलुहान जूते
नायक की चुप्पी
विदूषक की चीख
बालों के गिरने पर
नाई की चिन्ता
एक पत्ती के टूटने पर
राष्ट्र का शोक
आखिर क्या है
क्या है कविता
मैंने जब भी सोचा
मुझे रामचन्द्र शुक्ल की मूँछें याद आयीं
मूँछों में दबी बारीक-सी हँसी
हँसी के पीछे कविता का राज
कविता के राज पर
हँसती हुई मूँछें !

केदारनाथ सिंह

केदारनाथ सिंह (1934 – 2018) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें वर्ष 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक थे। केदारनाथ सिंह की प्रमुख काव्य कृतियां ‘जमीन पक रही है', ‘यहां से देखो’, ‘उत्तर कबीर’, ‘टालस्टॉय और साइकिल’ और ‘बाघ’ हैं। उनकी प्रमुख गद्य कृतियां ‘कल्पना और छायावाद’, ‘आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान’ और ‘मेरे समय के शब्द’ हैं।

केदारनाथ सिंह (1934 – 2018) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें वर्ष 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक थे। केदारनाथ सिंह की प्रमुख काव्य कृतियां ‘जमीन पक रही है', ‘यहां से देखो’, ‘उत्तर कबीर’, ‘टालस्टॉय और साइकिल’ और ‘बाघ’ हैं। उनकी प्रमुख गद्य कृतियां ‘कल्पना और छायावाद’, ‘आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान’ और ‘मेरे समय के शब्द’ हैं।

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