सिल्विया प्लाथ

वह पूर्ण थी
उसके मृत शरीर
ने ओढ़ रखी है मुस्कान उपलब्धि की
उसके पहने गए चोगे के सिलवटों में
यूनानी होने का भ्रम झाँकता है
उसके नंगे पैर यह कहते लग रहे
कि हम बहुत दूर चल चुके, अब ख़त्म है यात्रा
मृत बच्चों के शरीर लिपटे हैं जैसे कि
कुंडली मारे एक सफ़ेद सांप
दूध से भरे नन्हें पात्रों पर
जो अब खाली हैं
औरत ने उन्हें फिर से अपनी देह में समेट लिया है
उन गुलाब की पंखुड़ियों की तरह
जो समेट लेता है ख़ुद को सोते हुए बगीचे के साथ
जब फैली होती है रातरानी की तीक्ष्ण गंध
चाँद के पास दुख मनाने जैसा कुछ नहीं
वह ताकता है अपने हड्डियों के नकाब से
उसे आदत है ऐसी चीजों की
उसका अंधकार चीखता है
खींचता है

[ अनुवाद  – रश्मि भारद्वाज ] 

सिल्विया प्लाथ

सिल्विया प्लाथ (२७ अक्टूबर, १९३२ - ११ फरवरी, १९६३) एक अमेरिकी कवयित्री, उपन्यासकार और लघु-कथा लेखिका थी। उन्हें अपने दो प्रकाशित संग्रह, द कोलोसस एंड अदर पोयम्स  और एरियल  के साथ-साथ द बेल जार के लिए भी जाना जाता है, जो उनकी मृत्यु से कुछ समय पहले प्रकाशित एक अर्ध-आत्मकथात्मक उपन्यास है । १९८१ में द कलेक्टेड पोयम्स  प्रकाशित हुई, जिनमें पहले की अप्रकाशित कई रचनाएँ शामिल हैं। इस संग्रह के लिए प्लाथ को १९८२ में मरणोपरांत पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सिल्विया प्लाथ (२७ अक्टूबर, १९३२ - ११ फरवरी, १९६३) एक अमेरिकी कवयित्री, उपन्यासकार और लघु-कथा लेखिका थी। उन्हें अपने दो प्रकाशित संग्रह, द कोलोसस एंड अदर पोयम्स  और एरियल  के साथ-साथ द बेल जार के लिए भी जाना जाता है, जो उनकी मृत्यु से कुछ समय पहले प्रकाशित एक अर्ध-आत्मकथात्मक उपन्यास है । १९८१ में द कलेक्टेड पोयम्स  प्रकाशित हुई, जिनमें पहले की अप्रकाशित कई रचनाएँ शामिल हैं। इस संग्रह के लिए प्लाथ को १९८२ में मरणोपरांत पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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