उदास लड़कों को फूल नहीं भेजे जाते
उन्हें कॉफी पर भी नहीं बुलाया जाता
उदास लड़के रोते भी नहीं
उनकी प्रेमिकाएँ भी शायद ही होतीं।
उदास लड़के अक्सर कर्मठ या निठल्ले हो जाते हैं
थकन और ऊब से भरी उनकी यात्राएँ
आह-ओह-उफ़्फ़ के साथ चलती रहती हैं।
यही सही वक्त है जब,
उन्हें अगाध प्रेम किया जाए
प्रगाढ़ आलिंगन किया जाए
उन्हें फूल भेजे जाएँ और
कॉफी पर बुलाया जाए
हथेली पर सिगरेट की जगह
कैंडी रख कर,
उनकी खिलखिलाहट सहेज ली जाए।
लेकिन, उदास लड़कों का हासिल यह नहीं होता
नज़रों से ठेली हुई दुत्कार मिलती अक्सर
मन के भीतर, भीतर सा कुछ नहीं होता
उदास लड़कों के।

घुँघरू परमार
घुँघरू परमार (जन्म : 21 जुलाई) मूलतः भागलपुर, बिहार से हैं। आपकी रचनाएँ समय-समय पे देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपसे ghunghru.parmar@gmail.com पे बात की जा सकती है।