मुझे हल कीजिए

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कविता : मुझे हल कीजिए सदानंद शाही

मैं एक समस्या हूँ
मुझे हल कीजिए

उड़ने की चाह हूँ
भटक गई राह हूँ
निकल गई आह हूँ
हिम्मत की थाह हूँ

दुखती हुई रग हूँ
थका हुआ पग हूँ
ठहर गया डग हूँ
खोया हुआ नग हूँ

सन्नाटे का तागा हूँ
सदियों का जागा हूँ
घर का भागा हूँ

मैं एक समस्या हूँ
मुझे हल कीजिए।

सदानंद शाही

सदानंद शाही देश के जाने माने कवि-आलोचक हैं। आप इन दिनों बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त हैं। आपने साखी, भोजपुरी जनपद, कर्मभूमि, दीक्षा नाम की पत्रिकाओं का संपादन भी किया है।

सदानंद शाही देश के जाने माने कवि-आलोचक हैं। आप इन दिनों बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त हैं। आपने साखी, भोजपुरी जनपद, कर्मभूमि, दीक्षा नाम की पत्रिकाओं का संपादन भी किया है।

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