एक बार फिर शुरू करना होगा
एक बार फिर
ज़मीन जोतनी होगी
बीजों का, खाद का चुनाव करना होगा
एक बार फिर पत्थरों को काट कर
नहर लानी होगी
धूप-झुलसी धरती तक
पिछली बार कहीं कोई ग़लती रह गई
इसे देखना होगा
क्यों धरती की प्राणदायी धार
नहीं पहुँची अंकुरों तक
फ़सल क्यों मुरझा गई
दाने क्यों कमज़ोर निकले
एक बार फिर
कोंपलों के लहराते माथों पर
पहरा देना होगा
एक बार फिर शुरू करना होगा।
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नीलाभ
नीलाभ (1945 - 2016) एक भारतीय हिंदी कवि, आलोचक, पत्रकार एवं अनुवादक थे। उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हैं। कविता के अतिरिक्त उन्होंने आलोचना भी लिखी है। मौलिक लेखन के अतिरिक्त वे अनेक उल्लेखनीय लेखकों के साहित्य के अनुवाद के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। उन्होंने विलियम शेक्सपीयर, बर्तोल्त ब्रेख्त, मिखाइल लर्मोन्टोव, अरुंधति राय, सलमान रुश्दी, एवं वी. एस. नायपाल जैसे लेखकों की पुस्तकों का अनुवाद किया है।