बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ

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बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ
याद आती है! चौका बासन चिमटा फुकनी जैसी माँ

बाँस की खर्री खाट के ऊपर हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी थकी दो-पहरी जैसी माँ

चिड़ियों की चहकार में गूँजे राधा मोहन अली अली
मुर्ग़े की आवाज़ से बजती घर की कुंडी जैसी माँ

बीवी बेटी बहन पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में
दिन भर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँ

बाँट के अपना चेहरा माथा आँखें जाने कहाँ गई
फटे पुराने इक एल्बम में चंचल लड़की जैसी माँ

निदा फ़ाज़ली
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निदा फ़ाज़ली (१२ अक्टूबर १९३८ - ८ फरवरी २०१६ ), एक प्रमुख भारतीय हिंदी और उर्दू कवि, गीतकार और संवाद लेखक थे। साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

निदा फ़ाज़ली (१२ अक्टूबर १९३८ - ८ फरवरी २०१६ ), एक प्रमुख भारतीय हिंदी और उर्दू कवि, गीतकार और संवाद लेखक थे। साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

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