काजू भुने प्लेट में व्हिस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में
पक्के समाजवादी हैं तस्कर हों या डकैत
इतना असर है खादी के उजले लिबास में
आज़ादी का ये जश्न मनाएँ वो किस तरह
जो आ गए फुटपाथ पर घर की तलाश में
पैसे से आप चाहें तो सरकार गिरा दें
संसद बादल गई है यहाँ के नख़ाश में
जनता के पास एक ही चारा है बग़ावत
ये बात कह रहा हूँ मैं होश-ओ-हवास में

अदम गोंडवी
अदम गोंडवी (राम नाथ सिंह ; 22 अक्टूबर 1947 - 18 दिसंबर 2011) अट्टा परसपुर, गोंडा , उत्तर प्रदेश के एक भारतीय कवि थे। उन्होंने हिंदी में कविता लिखी, जो हाशिए की जातियों, दलितों, गरीब लोगों की दुर्दशा को उजागर करती है.उन्होंने हिंदी में कविता लिखी, जो हाशिए की जातियों, दलितों, गरीब लोगों की दुर्दशा को उजागर करती है। उनके काव्य संग्रह धरती की सता पार (पृथ्वी की सतह) और सामे से मुथबेड़े (समय के साथ मुठभेड़) काफी लोकप्रिय हैं।