मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि वह मनुष्य है
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि वह जनप्रतिनिधि है
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि उसके पास आधार-कार्ड है
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि वह शाकाहारी है
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि मुद्दा विकास है
(मैंने बिनास सुना)
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि उसके पास तीस फ़ीसदी का बहुमत है
सत्तर फ़ीसदी के अल्पमत की तुलना में
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं तो उसने कहा कि
गांधी को हमने नहीं मारा हममें से किसी ने उन पर गोली चला दी
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि अब जो कुछ हैं हमीं हैं

देवी प्रसाद मिश्र
देवी प्रसाद मिश्र (जन्म - 1958) हिंदी के अग्रणी कवियों में से एक हैं. आपको 1987 के भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रार्थना के शिल्प में नहीं आपकी प्रमुख कृति है.