वे कहते हैं :
प्रेम-कविताएँ लिखने के लिए
प्रेम-कविताएँ पढ़ो
वे यह नहीं कहते :
प्रेम करो
वे कहते हैं :
फूलों तक जाने के लिए
ख़ुशबू और रंग ख़रीदो
वे यह नहीं कहते :
तितलियों का हाथ थामो…
वे सुनाते हैं
फूल और रंग की कथाएँ
वे नहीं बताते
तितली और मधुमक्खी की व्यथाएँ…
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कमल जीत चौधरी
कमल जीत चौधरी जम्मू कश्मीर से हैं। आपकी रचनाएँ समय समय पे देश के प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपका पहला काव्य संग्रह ‘हिंदी का नमक’ इन दिनों अपने पाठकों के बीच है।