डोरोथिया ग्रॉसमैन

बाकी चीज़ों के अलावा
शुक्रिया, यह बताने के लिए
कि कैसे पुराने वृक्षों
की उदार मृत्यु
लाल बारूद बन
पूरे जंगल में बिछ जाती है

[ अनुवाद – सत्यम सोलंकी ]

डोरोथिया "डॉटी" ग्रॉसमैन

डोरोथिया "डॉटी" ग्रॉसमैन (1937-2012, लॉस एंजिल्स)  अमेरिकी कवयित्री थी, जहाँ वह 30 से अधिक वर्षों तक रहीं। ग्रॉसमैन की कविताओं को चार पुस्तकों के साथ-साथ कई पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया ।

डोरोथिया "डॉटी" ग्रॉसमैन (1937-2012, लॉस एंजिल्स)  अमेरिकी कवयित्री थी, जहाँ वह 30 से अधिक वर्षों तक रहीं। ग्रॉसमैन की कविताओं को चार पुस्तकों के साथ-साथ कई पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया ।

नवीनतम

मेरे मन का ख़याल

कितना ख़याल रखा है मैंने अपनी देह का सजती-सँवरती हूँ कहीं मोटी न हो जाऊँ खाती

तब भी प्यार किया

मेरे बालों में रूसियाँ थीं तब भी उसने मुझे प्यार किया मेरी काँखों से आ रही

फूल झरे

फूल झरे जोगिन के द्वार हरी-हरी अँजुरी में भर-भर के प्रीत नई रात करे चाँद की

पाप

पाप करना पाप नहीं पाप की बात करना पाप है पाप करने वाले नहीं डरते पाप

तुमने छोड़ा शहर

तुम ने छोड़ा शहर धूप दुबली हुई पीलिया हो गया है अमलतास को बीच में जो