जिन्होंने ख़ुद नहीं की अपनी यात्राएँ
दूसरों की यात्रा के साधन ही बने रहे
एक जूते का जीवन जिया जिन्होंने
यात्रा के बाद
उन्हें छोड़ दिया गया घर के बाहर।

नरेश सक्सेना

हिंदी साहित्य के मूर्धन्य कवि नरेश सक्सेना का जन्म 16 जनवरी 1939 को मध्य-प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। सीधी भाषा में उन्होंने अपनी कविताएं कहीं हैं और वैज्ञानिक तथ्यों का विलक्षण प्रयोग काव्य के माध्यम से किया है। उन्होंने टेलीविजन और रंगमंच के लिए भी लेखन किया है। निर्देशन के लिए उन्हें 1992 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

हिंदी साहित्य के मूर्धन्य कवि नरेश सक्सेना का जन्म 16 जनवरी 1939 को मध्य-प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। सीधी भाषा में उन्होंने अपनी कविताएं कहीं हैं और वैज्ञानिक तथ्यों का विलक्षण प्रयोग काव्य के माध्यम से किया है। उन्होंने टेलीविजन और रंगमंच के लिए भी लेखन किया है। निर्देशन के लिए उन्हें 1992 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

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