कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया

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ग़ज़ल : दिल तोड़ दिया

कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया

हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया

वो मिरे हैं मुझे मिल जाएँगे जाएँगे
ऐसे बेकार ख़यालात ने दिल तोड़ दिया

आप को प्यार है मुझ से कि नहीं है मुझ से
जाने क्यूँ ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया

सुदर्शन फ़ाक़िर
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सुदर्शन फ़ाक़िर (१९३४ - १९ फरवरी २००८), जिन्हें उनके तखल्लुस फ़ाक़िर के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय कवि और गीतकार थे। उनकी ग़ज़लें और नज़्म बेगम अख्तर और जगजीत सिंह ने गायी थीं।

सुदर्शन फ़ाक़िर (१९३४ - १९ फरवरी २००८), जिन्हें उनके तखल्लुस फ़ाक़िर के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय कवि और गीतकार थे। उनकी ग़ज़लें और नज़्म बेगम अख्तर और जगजीत सिंह ने गायी थीं।

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