मुझे उदास कर गए हो ख़ुश रहो

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मुझे उदास कर गए हो ख़ुश रहो
मिरे मिज़ाज पर गए हो ख़ुश रहो

मिरे लिए न रुक सके तो क्या हुआ
जहाँ कहीं ठहर गए हो ख़ुश रहो

ख़ुशी हुई है आज तुम को देख कर
बहुत निखर सँवर गए हो ख़ुश रहो

उदास हो किसी की बेवफ़ाई पर
वफ़ा कहीं तो कर गए हो ख़ुश रहो

गली में और लोग भी थे आश्ना
हमें सलाम कर गए हो ख़ुश रहो

तुम्हें तो मेरी दोस्ती पे नाज़ था
इसी से अब मुकर गए हो ख़ुश रहो

किसी की ज़िंदगी बनो कि बंदगी
मिरे लिए तो मर गए हो ख़ुश रहो

फ़ाज़िल जमीली
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फ़ाज़िल जमीली कराची, पाकिस्तान से हैं। आप उर्दू भाषा के प्रसिद्ध पत्रकार व शायरों में शुमार हैं।

फ़ाज़िल जमीली कराची, पाकिस्तान से हैं। आप उर्दू भाषा के प्रसिद्ध पत्रकार व शायरों में शुमार हैं।

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