संघर्ष साझे नहीं होते

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कविता : संघर्ष साझे नहीं होते
जीवन के संघर्ष साझा नहीं होते
साझा होती है सहानुभूतियाँ
साझा होती हैं प्रार्थनाएँ
साझा होते हैं स्नेह आलिंगन
साझा होती है आँसू पोंछने वाली हथेलियाँ
साझा होती है हाथों की फँसी हुई अंगुलियाँ
साझा होते हैं रुमाल-कंधें-चहलक़दमियाँ
संघर्ष की पगडंडी के डग साझे नहीं होते
साझा तो केवल..प्रेम होता है
अंगारों के आयोजन साझा नहीं होते!
सरला सोनी

सरला सोनी जोधपुर, राजस्थान से हैं। आप पेशे से शिक्षिका हैं। आपकी रचनाएँ समय-समय पे सम्मानित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपसे sarlasoni69@gmail पे बात की जा सकती है।

सरला सोनी जोधपुर, राजस्थान से हैं। आप पेशे से शिक्षिका हैं। आपकी रचनाएँ समय-समय पे सम्मानित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपसे sarlasoni69@gmail पे बात की जा सकती है।

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