इस बहरे वक़्त में

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कविता : इस बहरे वक़्त में

खेलते हुए अन्य बच्चों के साथ
अपने साथ हो रहे खेड़ी का
विरोध कर रहा है मेरा बेटा
चिल्ला-चिल्लाकर
काफ़ी कर्कश
लग रही है आवाज़ उसकी

बार-बार जाने को होता हूँ तैयार
कि रोकूँ उसे
इस तरह चिल्लाने से

प्यार से भी तो
रखी जा सकती है अपनी बात
पर कुछ सोचकर
ठिठक जाते हैं क़दम
इस बहरे वक़्त में

लगता है ज़रूरी
पूर्वाभ्यास की तरह
उसका चिल्लाना

महेश चंद्र पुनेठा
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महेश चंद्र पुनेठा (जन्म - 1971) हिंदी के माने हुए कवियों में से एक हैं. आपकी पहचान भय अतल में, स्वर एकादश व् कवि द्वादश जैसे काव्य संग्रहों के लेखकों के रूप में है.

महेश चंद्र पुनेठा (जन्म - 1971) हिंदी के माने हुए कवियों में से एक हैं. आपकी पहचान भय अतल में, स्वर एकादश व् कवि द्वादश जैसे काव्य संग्रहों के लेखकों के रूप में है.

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