एक औरत ताउम्र बाट जोहती है
कि उसे किसी नाम से पुकारा जाए ऐसे
कि नाम के आगे पीछे उग आएँ कई सारे नाम
और वह अपना एक नाम भूल जाए।
एक औरत ताउम्र बाट जोहती है
कि उसके बालों में फिराई जाएँ उँगलियाँ ऐसे
कि सिमटे हुए बालों को बिखेर दिया जाए सँवारते हुए
और वह उन्हें फिर कभी न सँवारे।
एक औरत ताउम्र बाट जोहती है
कि उसकी आँख में नमी के उभरने से पहले ही
एक हथेली पलकों के नीचे फैल जाए
और आँसुओं की नमी प्यार की नमी में बदल जाए।
एक औरत ताउम्र बाट जोहती है
और बस, बाट ही जोहती है…
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सुधा अरोड़ा
सुधा अरोड़ा का जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में 4 अक्टूबर सन् 1946 में हुआ, एक लेखिका है। उनकी उच्च शिक्षा कलकत्ता विश्वविधालय से हुई। इसी विश्वविधालय के दो कॉलेजों में उन्होंने सन् 1969 से 1971 तक अध्यापन कार्य किया। सुधा अरोड़ा कथा साहित्य में एक चर्चित नाम है।