तुम्हारा कहना है
तुम मुझे बे-पनाह शिद्दत से चाहते हो
तुम्हारी चाहत
विसाल की आख़िरी हदों तक
मिरे फ़क़त मेरे नाम होगी
मुझे यक़ीं है मुझे यक़ीं है
मगर क़सम खाने वाले लड़के!
तुम्हारी आँखों में एक तिल है!
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परवीन शाकिर
सैयदा परवीन शाकिर (1952 – 1994), एक उर्दू कवयित्री, शिक्षक और पाकिस्तान की सरकार की सिविल सेवा में एक अधिकारी थीं। इनकी प्रमुख कृतियाँ खुली आँखों में सपना, ख़ुशबू, सदबर्ग, इन्कार, रहमतों की बारिश, ख़ुद-कलामी, इंकार(१९९०), माह-ए-तमाम (१९९४) आदि हैं।