क्षमा करो कि अब तक जो कहा
क्षमा करो उसके लिए कि भी
मेरे मरने के बाद भी जो कुछ कहा जाएगा
क्षमा भी एक किस्म की मौत है
जिसे माँगने वाला कई बार मरता है
इस महादेश में जब मृतकों पर राजनीति होती है
धर्म और राष्ट्र जब व्यक्ति केंद्रित हो जाए
एक लेखक अपने मौत की घोषणा करता है
कहता है क्षमा करो हे महादेश
क्षमा मृत्यु है
और क्षमा माँगने के बाद क्षमाप्रार्थी की देह जिंदा रहती है
चेतना मर जाती है।

कुमार मंगलम
कुमार मंगलम (जन्म - 1992) कैमूर, बिहार से हैं। आप देश के प्रतिष्ठित कवियों में से एक हैं। आपकी रचनाएँ समय समय पे देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। आपसे mangalam1509@gmail.com पे बात की जा सकती है।