तू किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझसे तू किसी और ही मौसम की महक लायी थी डर रहा था कि कहीं ज़ख़्म न भर जाएँ मेरे और तू मुठ्ठीयाँ भर
भले दिनों की बात है भली सी एक शक्ल थी न ये कि हुस्न-ए-ताम हो न देखने में आम सी न ये कि वो चले तो कहकशाँ सी रहगुज़र लगे मगर वो
Moreहमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा’दा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं
Moreख़ुदा ने क़ुरआन में कहा है कि लोगों मैं ने तुम्हारी ख़ातिर फ़लक बनाया फ़लक को तारों से चाँद सूरज से जगमगाया कि लोगों मैं ने तुम्हारी ख़ातिर ज़मीं बनाई ज़मीं के
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