ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिये
मैं पल दो पल का शाइ’र हूँ पल दो पल मिरी कहानी है पल दो पल मेरी हस्ती है पल दो पल मिरी जवानी है मुझ से पहले कितने शाइ’र आए और
Moreएक है अपना जहाँ, एक है अपना वतन अपने सभी सुख एक हैं, अपने सभी ग़म एक हैं आवाज़ दो हम एक हैं … ये वक़्त खोने का नहीं, ये वक़्त सोने
Moreअजीब आदमी था वो मोहब्बतों का गीत था बग़ावतों का राग था कभी वो सिर्फ़ फूल था कभी वो सिर्फ़ आग था अजीब आदमी था वो वो मुफ़लिसों से कहता था कि
Moreउस शाम के मुहाने पे उस शब के सिरहाने से वादियों के ख़ामोशी में पेड़ों के सरसराहट से सरकती हुई तुम्हारी मुस्कुराहट बोलों के बीच तुम्हारी मीठी सी सांस की आवाज़ जावेदां
Moreज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है ख़ून फिर ख़ून है टपकेगा तो जम जाएगा ख़ाक-ए-सहरा पे जमे या कफ़-ए-क़ातिल पे जमे फ़र्क़-ए-इंसाफ़ पे या पा-ए-सलासिल पे जमे तेग़-ए-बे-दाद
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