उसने अपनी जेब में
इतने अहंकार से हाथ डाला कि
उस पल मुझे लगा
काश ! किसी के पास जेब न होती
तो कितना अच्छा होता
आख़िर क्यों हो किसी के पास जेब ?
मैं एक यूटोपिया में प्रवेश करने जा रही हूँ
बंजारा ख़ानाबदोश ज़िप्सी नो मेंस लैण्ड
कुछ भी कह लो मुझे
अपने इस यूटोपिया में
बिना जेब के हूँ मैं
ख़ालीपन मुझे अच्छा लगता है
तिस पर
जेब के ख़ालीपन के तो कहने ही क्या…
क्यों बढ़ा रही हूँ बात को इतना
कहना चाहिए कभी-कभी
कलेजे को चीरती
सीधी-सच्ची दो टूक बात
आख़िर क्यों हो किसी के पास जेब ?
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नीलेश रघुवंशी
नीलेश रघुवंशी (जन्म - १९६९, गंज बसौदा, मध्यप्रदेश) हिंदी की सुप्रसिद्ध कवयित्री हैं। उन्हें हिंदी कविता में अपने विशिष्ट योगदान के कारण भारतभूषण अग्रवाल सम्मान से सम्मानित किया गया है।