कवियों को ढूँढो, मेरे दोस्त ने कहा
वे उन चीज़ों के बारे में बातें नहीं करेंगे
जिनके बारे में तुम और मैं बातें करते हैं
वे आर्थिक एकीकरण या
वित्तीय चकबंदी की बातें नहीं करेंगे
वे तुम्हें समन्वय की
मुश्किलों के बारे में भी
कुछ नहीं बता सकते
मगर वे तुम्हें बिठाकर
यह बता सकते हैं
कि कविताएँ कैसे एकांत में जन्म लेती हैं
और शोरगुल के लम्हों में कभी-कभी
कैसे ये अचानक
बादलों को चीरते हुए
बारिश की तरह पहुँचती हैं
स्वाभाविक रूप से वे प्रेम की बातें करेंगे
जैसे कि बस यही मायने रखता हो
वे अखरोट के पेड़ों और
पहाड़ों की चोटियों की बातें करते हैं
और यह भी कि
वे कितना, अपने पुरखों की
कमी महसूस करते हैं
ज़िंदगी को लुभाने के लिए
वे बातें करेंगे, ऐसे कि जैसे
सदियों से बातें कर रहे हों
शाम जब तक ढलती है
और झूठ दम तोड़ता है
सत्य की तब तक सिर्फ़ हड्डियाँ ही
बची रह जाती हैं।
[ अनुवाद – सत्यम सोलंकी ]

तिशानी दोशी
तिशानी दोशी (जन्म ९ दिसंबर १९७५) चेन्नई में स्थित एक भारतीय कवि, पत्रकार और नृत्यांगना हैं। 2006 में उन्होंने अपनी पहली कविता पुस्तक कंट्रीज़ ऑफ़ द बॉडी के लिए फॉरवर्ड पुरस्कार जीता। उनकी कविता पुस्तक ए गॉड एट द डोर को सर्वश्रेष्ठ कविता संग्रह श्रेणी के तहत 2021 फॉरवर्ड फॉरवर्ड पुरस्कार के लिए चुना गया है।