हमेशा देर कर देता हूँ

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हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में
ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा’दा निभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
मदद करनी हो उस की यार की ढारस बंधाना हो
बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो
किसी को याद रखना हो किसी को भूल जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो
हक़ीक़त और थी कुछ उस को जा के ये बताना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में…..

मुनीर नियाज़ी
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मुनीर अहमद नियाज़ी (9 अप्रैल 1928 - 26 दिसंबर 2006) पाकिस्तान के एक उर्दू और पंजाबी भाषा के कवि थे। उन्होंने समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और रेडियो के लिए भी लिखा। 1960 में, उन्होंने एक प्रकाशन संस्थान, अल-मिसल की स्थापना की। बाद में वह पाकिस्तान टेलीविजन, लाहौर से जुड़े और अपनी मृत्यु तक लाहौर में रहे।

मुनीर अहमद नियाज़ी (9 अप्रैल 1928 - 26 दिसंबर 2006) पाकिस्तान के एक उर्दू और पंजाबी भाषा के कवि थे। उन्होंने समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और रेडियो के लिए भी लिखा। 1960 में, उन्होंने एक प्रकाशन संस्थान, अल-मिसल की स्थापना की। बाद में वह पाकिस्तान टेलीविजन, लाहौर से जुड़े और अपनी मृत्यु तक लाहौर में रहे।

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