चाहे मुझे इतिहास में निचला दर्जा दो अपने कटु, विकृत झूठ के साथ, भले ही कीचड़ में सान दो फिर भी, धूल की तरह, मैं उठ जाऊँगी मेरी जिंदादिली से परेशान हो
वह मेरा उत्तर, मेरा दक्षिण, मेरा पूर्व और पश्चिम था, मेरा काम करने का सप्ताह और मेरा रविवार का आराम, मेरी दोपहर, मेरी आधी रात, मेरी बात, मेरा गाना; मैंने सोचा था
Moreउम्मीद पंखों वाली वो शय है, जो आत्मा में बसती है, बिना किसी शब्द के गीत गाती है और कभी नहीं रूकती और सबसे मधुर है इसे आंधियों में सुनना जहाँ दुखदाई
Moreचाहे मुझे इतिहास में निचला दर्जा दो अपने कटु, विकृत झूठ के साथ, भले ही कीचड़ में सान दो फिर भी, धूल की तरह, मैं उठ जाऊँगी मेरी जिंदादिली से परेशान हो
Moreमत लिखो — अगर फूट के ना निकले बिना किसी वजह के मत लिखो। अगर बिना पूछे-बताए ना बरस पड़े, तुम्हारे दिल और दिमाग़ और जुबाँ और पेट से मत लिखो ।
Moreघर नहीं छोड़ता कोई आदमी जब तक कि घर किसी शार्क का जबड़ा न लगे तुम, बस, भाग पड़ते हो सीमा की ओर जब पाते हो कि समूचा शहर ही भाग रहा
Moreटोह में नहीं रहता मैं किसी शब्द की कि वह आए और लिख लिख जाए मर्ज़ी जब होगी तब आएगा कोई भी रोक नहीं पाएगा अदबदा कर आँसू ज्यों आँख से छलक
Moreउन्होंने उसके मुँह पर ज़ंजीरें कस दीं मौत की चट्टान से बाँध दिया उसे और कहा — तुम हत्यारे हो उन्होंने उससे भोजन, कपड़े और अण्डे छीन लिए फेंक दिया उसे मृत्यु-कक्ष
Moreकितने रास्ते तय करे आदमी कि तुम उसे इनसान कह सको ? कितने समंदर पार करे एक सफेद कबूतर कि वह रेत पर सो सके ? हाँ, कितने गोले दागे तोप कि
More1. एक औरत के पास अपने नियंत्रण में पर्याप्त पैसा होना चाहिए ताकि बाहर जाते वक्त या ख़ुद के लिए एक जगह किराए पर लेकर वह रह सके, भले ही वह कभी
Moreमहामहिम, शाही परिवार, महानुभाव, पुरस्कार विजेता साथियो, देवियो और सज्जनो, जब मेरे एक दोस्त की छह वर्षीय बेटी ने उसके पिता को किसी को यह कहते हुए सुना कि मुझे नोबेल पुरस्कार
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