शिल्पशाला || Workshop

1 min read
Avadhesh Preet

उम्मीदें, साहित्यिक वेब पत्रिका ने अभी हाल ही में (दिनांक – 30/08/21, सोमवार)अपने दूसरे वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसका विषय : ‘कथा-कहानी- क़िस्सा’ रखा गया था। वर्कशॉप में वरिष्ठ कथाकार श्री अवधेश प्रीत जी ने शिरकत की। उन्होंने विषय से सम्बंधित तकनीकी पक्ष पे बात करते हुए छात्रों को बताया कि किस तरह कथा लेखन का अपना एक इतिहास रहा है, हमारे दैनिक जीवन से कैसे कहानियाँ व उनके पात्र लिए जाते हैं, कहानी में दृश्य-कथानक-संगीत इत्यादि का महत्व क्या है व उनका प्रभाव कहानी पे कैसे पड़ता है।

आयोजन में मध्यस्थ की भूमिका में पत्रिका के सह-सम्पादक सत्यम सोलंकी रहे जिन्होंने विषय से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्न किए। कार्यक्रम में आए छात्रों ने भी श्री अवधेश प्रीत जी से कथा-लेखन को ले कर कई प्रश्न किए

अवधेश प्रीत
+ posts

अवधेश प्रीत मौज़ूदा दौर के जाने माने कथाकारों में से एक हैं। आपका जन्म ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश में हुआ। आपकी प्रमुख कृतियाँ हस्तक्षेप, हमज़मीन, कोहरे में कंदील, चाँद के पार एक चाभी और अशोक राजपथ अपने पाठकों के बीच ख़ासे लोकप्रिय हैं।

अवधेश प्रीत मौज़ूदा दौर के जाने माने कथाकारों में से एक हैं। आपका जन्म ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश में हुआ। आपकी प्रमुख कृतियाँ हस्तक्षेप, हमज़मीन, कोहरे में कंदील, चाँद के पार एक चाभी और अशोक राजपथ अपने पाठकों के बीच ख़ासे लोकप्रिय हैं।

नवीनतम

फूल झरे

फूल झरे जोगिन के द्वार हरी-हरी अँजुरी में भर-भर के प्रीत नई रात करे चाँद की

पाप

पाप करना पाप नहीं पाप की बात करना पाप है पाप करने वाले नहीं डरते पाप

तुमने छोड़ा शहर

तुम ने छोड़ा शहर धूप दुबली हुई पीलिया हो गया है अमलतास को बीच में जो

कोरोना काल में

समझदार हैं बच्चे जिन्हें नहीं आता पढ़ना क, ख, ग हम सब पढ़कर कितने बेवकूफ़ बन

भूख से आलोचना

एक मित्र ने कहा, ‘आलोचना कभी भूखे पेट मत करना। आलोचना पेट से नहीं दिमाग से