जंगली कलहंस

तुम्हें अच्छा बनने की कोई ज़रूरत नहीं तुम्हें अपने घुटनों पर आने की ज़रूरत नहीं रेगिस्तान में सैकड़ो मील चलकर पछताते हुए तुम्हें बस अपनी देह के कोमल पशु को छोड़ देना

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