हम से भागा न करो दूर ग़ज़ालों की तरह हम ने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह ख़ुद-ब-ख़ुद नींद सी आँखों में घुली जाती है महकी महकी है शब-ए-ग़म तिरे बालों
जिंदगी का अर्थ मरना हो गया है और जीने के लिये हैं दिन बहुत सारे। इस समय की मेज़ पर रक्खी हुई जिंदगी है ‘पिन-कुशन’ जैसी दोस्ती का अर्थ चुभना हो गया
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