मेरे पुरखे

तुमने कहा— ब्रह्मा के पाँव से जन्मे शूद्र और सिर से ब्राह्मण उन्होंने पलट कर नहीं पूछा— ब्रह्मा कहाँ से जन्मा? तुमने कहा— सेवा ही धर्म है शूद्र का उन्होंने नहीं पूछा—

More

दलित साहित्य के पुरोहित

हिंदी दलित साहित्य में कुछ ऐसी बहस करते रहने की परंपरा विकसित की जा रही है जिसका कोई औचित्य नहीं रह गया है। ये बहसें मराठी दलित साहित्य में खत्म हो चुकी

More