ऐ काल, न तू इतरा

ऐ काल, न तू इतरा, भले ही बोल रहे कुछ, बली-भयंकर तुझको, पर इन पदों से तू च्युत। और, वो, जिनको तुम समझ रहे, तुमने मारा है, मरे नहीं, मैं भी अपार,

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एक छोटा सा मज़ाक

सर्दियों की ख़ूबसूरत दोपहर… सर्दी बहुत तेज़ है। नाद्या ने मेरी बाँह पकड़ रखी है। उसके घुंघराले बालों में बर्फ़ इस तरह जम गई है कि वे चांदनी की तरह झलकने लगे

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